उत्तर प्रदेश राज्य ग़ाज़ीपुर जिला जलालाबाद प्रखंड से प्रमोद वर्मा ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 10-05-20 को बताया कि ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी पर लगभग पंद्रह दिन पहले एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण देश पूरी तरह लॉक डाउन की स्थिति में है। वहीँ मजदूर किसान का जीवन बेहाल हो गया है। ऐसे में सरकार ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को ₹2000 देने की योजना बनाई है, जिसके तहत ₹2000 किसानों के खातों में भेजी जा रही है। लेकिन कई ग्रामीण ऐसे हैं जिनका या तो अब तक पंजीकरण ही नहीं किया गया है या पंजीकरण में आधार के अनुसार नाम गलत है। इसके कारण उन्हें किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।दरअसल ,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मुख्य उदेश्य देश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। ताकि वे अपनी जरूरतों को बिना किसी कर्ज के ही पूरा कर सकें। इसके तहत सरकार की ओर से 6,000 रुपये सालाना की रकम 2,000 रुपये की तीन किस्तों में हर 4 महीने पर दी जाती है। इसी योजना का लाभ ले रहे जलालाबाद ग्राम सभा से सुशीला देवी ने गाजीपुर मोबाईल वाणी के माध्यम से 22/04/ 2020 को बताया कि पिछले 6 महीने से उनके पति को प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पहले किस्त आती थी लेकिन जब से आधार के अनुसार धनराशि भेजी जा रही है तब से नाम मैच ना होने के कारण उनके खाते में धनराशि नहीं भेजी गई है। कारण यह है कि खाते में उनके पति का नाम आधार कार्ड के अनुसार नहीं है।जिससे यह काफी परेशान है। इस खबर को गाजीपुर मोबाईल वाणी पर प्रसारित करने के बाद ग़ाज़ीपुर संवादाता प्रमोद वर्मा ने सुशीला देवी के आधार नंबर के द्वारा प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना के वेबसाइड में जाकर खाते को विस्तार से जाँच किया और उससे यह निष्कर्ष प्राप्त हुआ कि सुशीला देवी केपति का नाम लिस्ट में गलत दर्ज हो गया था जिससे उनको इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। इसके बाद प्रमोद वर्मा ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना की वेबसाइड पर एडिट आधार ऑप्शन सिलेक्ट कर आधार कार्ड के अनुसार सही नाम दर्ज कर दिया । इसके पश्चात ही दिनांक 5 मार्च 2020 को सुशीला देवी केपति को किसान सम्मान निधि की अगली किस्त प्राप्त हो गई ,जिससे सुशीला देवी काफी प्रसन्न है और गाजीपुर मोबाईल वाणी को धन्यवाद दे रहीं हैं।