उत्तर प्रदेश राज्य के जलालाबाद से प्रमोद कुमार वर्मा ग़ाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बलिया से चलकर बीते 28 जनवरी को गंगा यात्रा जनपद पहुंची थी। तब यात्रा को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं। नगर के कलेक्टर घाट पर देर शाम गंगा आरती का कार्यक्रम निर्धारित था। यात्रा के पहुंचने से पहले ही नगरपालिका द्वारा युद्धस्तर घाट की साफ-सफाई और सीढ़ियों की सजावट की गई थी जीवनदायिनी गंगा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए कुछ दिन पहले निकाली गई गंगा यात्रा का जनपदवासियों और प्रशासन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जबकि जनपद से होकर गुजरने वाली गंगा यात्रा के लिए गंगा की साफ-सफाई, पक्के और कच्चे मार्गों का चौड़ीकरण, गंगा घाटों की रंगाई-पुताई आदि कार्य युद्धस्तर किए गए थे। यात्रा को सफल बनाने में पूरा जनपद लगा हुआ था। पतित पावनी गंगा को स्वच्छ रखने का संकल्प लैने वाले यात्रा के दिन से फिर कभी गंगा तट पर नहीं दिखाई दिए। जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी उस दिन के बाद से खामोश हैं। फिर से गंगा घाटों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। इन दिनों घाटों के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है।