अपने परिवार व बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना उतना ही आवश्यक है जितना की शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना। मानसिक रूप से स्वस्थ रह कर हम जीवन के अनेक समस्याओं का सामना कर सकते है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के क्या क्या उपाय है...?सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

रोज शाम का अभ्यास, किताबें और ट्यूशन। गणित को पंसदीदा बनाने के लिये आपने शिशु के लिये सब-कुछ किया पर कुछ काम नहीं आया.... है न? लेकिन मानें या न मानें, यह एक दिमागी रूकावट होती है जिससे आप धैर्य और चतुराई से छुटकारा पा सकते हैं। ज्यादा जानने के लिए दोस्त संस्था के इस ऑडियो को क्लिक करें

अच्छी आदतें बच्चों को बेहतर इंसान बनाने में कारगार है। सुबह ज़ल्दी उठने से लेकर समय समय पर हाथ धोने की अच्छी आदतों से ही बच्चे सेहतमंद रहते है। बच्चों के माता पिता शुरू से ही प्रयासरत रहते है कि वो अपने बच्चों को शारारिक और मानसिक रूप से स्वस्थ कैसे रखे।इन्ही सब बातों पर दोस्त संस्था आपको बता रही है कि बच्चों को स्वस्थ कैसे रखे। सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर...

दोस्तों ,बचपन ईश्वर का दिया हुआ वो उपहार है ,जो मासूमियत और प्रेम से बंधा होता है। शरीर से लेकर भावों तक सब कुछ कोमलता लिए हुए होता है। गीली मिट्टी सा बचपन जिस साँचे में ढालो ,ढल जाता है। लेकिन इस मासूमियत पर कभी कभी मानवीय विकारों का साया मंडराने लगता है,जिसे हम यौन शोषण कहते हैं। अपने नन्हे को सुरक्षित रखने के लिए माता पिता को बेहद सतर्क रहने की आवशयकता है। साथ ही उन्हें अच्छा स्पर्श और बुरा स्पर्श बताने की भी जरुरत है। इन्ही सब बातों को जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

• हर बच्चे के साथ अलग से समय बिताएं • अपने बच्चे की जरूरतों को सुनें • अच्छा व्यवहार करने पर बच्चे की करें प्रशंसा • किशोर-किशोरियों की पसंद का रखें ख्याल दिन व् दिन कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. इसको लेकर लोगों के मन में डर भी बढ़ता जा रहा है। ऐसी परिस्थिति में बच्चे एवं किशोर भी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। बच्चों एवं किशोरों के स्कूल एवं कॉलेज बंद हों के कारण वे घर पर बैठने को मजबूर हैं। बाल्यवस्था एवं किशोरवस्था उत्साह एवं उर्जा का समय होता है। ऐसे में यदि उन्हें अचानक घर पर बैठना पड़ जाए तो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर यह प्रतिकूल असर भी डालता है। इसलिए ऐसे समय में जरुरी है कि घर के माता-पिता बच्चों एवं किशोरों को अधिक समय दें। उनकी समस्या सुनें एवं उनके साथ गुणवत्तापूर्ण समय व्यतीत करें ताकि उनके ऊपर संक्रमण का डर हावी ना हो सके. इसको लेकर पेरेंटिंग फॉर लाइफ लॉन्ग हेल्थ, द यूरोपियन रिसर्च काउंसिल, यूनिसेफ,सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, द लीवरहुलम ट्रस्ट, द इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च काउंसिल एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अन्य संस्थाओं के सहयोग से दिशा-निर्देश जारी किया गया है। ऑडियो पर क्लिक कर सुने विस्तृत रिपोर्ट। श्रोताओं 9278701369 पर मिस कॉल कर स्वास्थ्य, पोषण कोविड 19 और जिले की हर छोटी बड़ी खबर सुने और 3 नंबर का बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी साझा करे। यदि आप समार्टफोन उपयोगकर्ता है! तो मोबाईल वाणी एप्प् प्ले स्टोर से डाउनलोड कर जिले से संबंधित हर छोटी बड़ी खबर को एप्प् पर सुने और लाल वाली माइक बटन दबा कर अपनी समस्या या प्रतिक्रिया भी रिकार्ड करे। धन्यवाद

दोस्तों , सभी माता-पिता अपने बच्चों की फ़िक्र करते हैं। लेकिन कई बार ज़रूरत से ज़्यादा देखभाल बच्चों के आत्मनिर्भर बनने में रोड़ा बन जाती है। इसीलिए बच्चों के सभी कार्य करने की बजाए, कुछ काम उन्हें ख़ुद करने की आदत डलवाने से उनमें आत्मविश्वास जागेगा और ज़रूरत पड़ने पर वे बिना किसी मदद के अपने काम कर सकेंगे लेकिन ये होगा कैसे ? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

कोरोना माहामारी के कारण सारे स्कुल बंद है। और बच्चो को पढ़ने का मन नहीं कर रहा है। क्या आप भी परेशान है कि आपका बच्चा कैसे पढ़ेगा ? तो जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें