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जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से अमित कुमार सविता मोबाइल वाणी के माध्यम से मोबाइल वाणी के साक्षात्कार का असर बताते हुए कहते है की प्रखंड के सिकंदरा विधानसभा कांग्रेस पार्टी के स्थानीय विधायक सुधीर कुमार उर्फ़ बंटी चौधरी से मोबाइल वाणी के पत्र्कार के द्वारा बीते वर्ष साक्षात्कार लिया गया था।साक्षात्कार का असर ये हुआ की सिकंदरा पंचायत के अंतर्गत दो मंजिला नवयुवक पुस्तकालय में पहली बार किसी विधायक की पहल से पचास हजार से अधिक मूल्य की पुस्तके प्राप्त हुई है।वही दूसरी ओर सिकंदरा की पुरानी गरिमा अर्थात अंग्रेजी हुकूमत के समय सं 1864 से 1869 तक सिकंदरा जमुई जिले का अनुमंडल हुआ करता था।आज सिकंदरा सारे मानक पूरा करने के बाद भी उसे अनुमंडल का दर्जा नहीं मिला है। इसी मांग को पूरा करने के प्रयास से स्थानीय विधायक ने विधानसभा के साली सत्र गैर सरकारी संकल्प प्रश्न उठाया। इसके जवाब में बिहार सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य के अनुमंडल, पुनर्गठन के संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की अधिसूचना संख्या 532 दिनांक 7.4.2016 के द्वारा मंत्रियों के समूह का पुनर्गठन उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया है। प्रस्तुत गैर सरकारी संकल्प पुनर्गठित मंत्रियों के समूह के समक्ष विचारण हेतु रखने के लिए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग को प्रेषित किया गया है। विधायक ने मोबाइल के माध्यम से मोबाइल वाणी के पत्र्कार को शनिवार को बताया की प्रखंड को अनुमंडल के दर्जा हेतु मैं हमेशा से कृतसंकल्प हु ,मैं हमेशा अपने क्षेत्र का विकास चाहता हु।उन्होंने यह भी कहा की सिकंदरा को अनुमंडल का दर्जा दिलाने हेतु चुनाव में मैं वादा किया था।वर्षो से अखंड विकास परिषद् क्षेत्र की जनता ,पत्रकारों सहित अन्य बुद्धिजीवी प्रयासरत थे। अनुमंडल की दर्जा की मांग को उठाने के लिए विधायक को लोगो ने धन्यवाद दिया है।इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद खालिद ,समाजसेवी सुशील मंडल ,बाबूलाल यादव गुड्डू यादव ने विधायक के प्रति आभार प्रकट किया है।

बिहार सरकार ने जन-समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल करते हुए प्रदेश भर में शिकायत निवारण कानून लागु की है, पर क्या इस शिकायत निवारण कानून से जनसरोकार से जुड़े समस्याओं का निदान हो रहा है...? यदि हाँ तो समस्या के निदान और कार्यवाही में कितना समय लगता है..?आपके अनुसार इस शिकायत निवारण कानून के तहत शिकायत दर्ज कराना आम नागरिकों के लिए कितना आसान है ?साथ ही प्रशसनिक अधिकारी दर्ज समस्याओ के निदान के प्रति कितने तत्पर्य नजर आते हैं...? शिकायत निवारण कानून के तहत दर्ज शिकायतों का निपटारा हेतु सरकार को और कौन से तरीके अपनानी चाहिए जिससे समस्याओ का निपटा​रा ​और ​जल्दी ​ किया जा सके​.

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