जमुई, सिकंदरा से ज्योति कुमारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि हमारे देश में गरीबी रेखा का निर्धारण के मानक की विश्वसनीयता पर हमेशा चर्चा होती रहती है। सरकार को इसके कारण आलोचना भी सहनी पड़ती है फिर भी अब तक गरीबी रेखा के लिए कोई सर्वभौमिक मापक विकसित नहीं किया जा सका है। इसके निर्धारण का आधार कभी उपभोग,कभी प्रति व्यक्ति आय,तो कभी कैलोरी की खपत होती है, जिसके कारण गरीबो के संख्या में बदलाव होती रहती है और गरीबो की वास्तविकता गणना नहीं होने से सरकार की कई योजनाओं का लाभ उन लोगो को नहीं मिल पाता है,जिनके वे हकदार होते है। अतः गरीबी रेखा का निर्धारण सही एवं वैज्ञानिक तरीके से किया जाना बहुत जरूरी है,ताकि सरकार द्वारा दिए जा रहे लाभ जरूरतमंदों तक पहुँच सके।इसी तरह आप भी बांटे अपना विचार और अनुभव,हमारे निःशुल्क 08800984861 पर मिस्ड कॉल देकर।