बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के ग्राम केवाल से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से टुनटुन यादव से हुई। टुनटुन कहते है कि मोबाइल वाणी के माध्यम से इन्हे मनरेगा द्वारा पौधारोपण की जानकारी मिली। इससे पहले कागज़ात जमा कर आवेदन करने पर मनरेगा के तहत सही से कोई कार्य नहीं होता था। घेरा भी नहीं मिलता था केवल पौधा मिल जाता था। लेकिन मोबाइल वाणी के सहयोग से इस बार सारी सुविधा मिली है। पौधा के साथ घेरा लगाने की तार भी मिल गयी है। इन्होने इस बार 210 पौधा लगाया है । पौधा बहुत अच्छा है। सागवान का पेड़ दस फ़ीट का हो गया है। कलमी आम में मंझर आया था। महोगनी का पेड़ भी दस फ़ीट का हो गया है। टुनटुन एक यूनिट पौधा और लगाना चाहते है। इसमें इन्हे आवेदन करने के लिए मोबाइल वाणी का सहयोग चाहिए क्योंकि मोबाइल वाणी के माध्यम से एंट्री करने पर पौधा आसानी से मिल जाता है। टुनटुन कहते है कि पेड़ों से पर्यावरण को फ़ायदा होता है। प्रदूषण कम करने में मदद मिलता है।