राखी कुमारी समस्तीपुर से बिहार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि जब वे 5वीं कक्षा में थी तब से साईकिल चलने कोशिश करती थी लेकिन उनके दादा जी उन्हें साईकिल चलने से हमेशा रोकते थे। अंततः वे साईकिल चलाने सीखी और आज वे न सिर्फ साईकिल चलाती है बल्कि बाइक भी चलाती हैं