संतकबीरनगर: जिला जेल में आधुनिक और सभी सुविधाओं से सुसज्जित गौशाला स्थापित कराई जा रही है। इससे जहां जेल में गौपालन को बढ़ावा मिलेगा वहीं कैदियों को रोजगार भी मिलेगा। गौशाला का कार्य जल्द से जल्द शुरू करा दिया जाएगा। महेन्द्र सिंह तंवर,डीएम, संतकबीरनगर मनरेगा से तैयार हुआ 45 लाख का स्टीमेट गौशाला निर्माण में 45 लाख का स्टीमेट मनरेगा से तैयार हुआ है। यह कार्य ग्राम पंचायत कराएगी। जेल बनकटिया ग्राम पंचायत में है इस कारण उसका कार्य वहीं से कराया जाएगा। वहीं इसके बाद के जो कार्य हैं उसमें कुछ कार्य जिला पंचायत कराएगी तो कुछ कार्य जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से कराए जाएंगे। गोशाला में पशुओं के रहने की अच्छी व्यव्थ की जा सके। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। खाद से जेल के खेतों में उगाई जाएगी ऑर्गेनिक फसल जेल में गौशाला संचालित होने के बाद गायों के गोबर से खाद तैयार कराई जाएगी। इसके लिए कंपोस्ट यूनिट भी स्थापित होगी। खाद का उपयोग जेल के खेतों में किया जाएगा। जिससे ऑर्गेनिक खेती हो सके। इसके अलावा अधिक उत्पादन होने पर उसकी बिक्री भी होगी, जिससे जेल को आय भी हो सके। संतकबीरनगर, हिसं। जिला कारागार में गौशाला बनेगी। जेल में निरुद्ध कैदी गौ सेवा का पुण्य भी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा कई को यहीं पर रोजगार भी मिल जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने जेल के भीतर स्थान चिन्हित कराते हुए उसकी कार्ययोजना भी तैयार करवा दिया है। जल्द ही विधिवत कार्य प्रारंभ हो जाएगा। गौशाला की स्थापना मनरेगा योजना के साथ ही जिला पंचायत और जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से होगी। इस पर करीब 60 से 65 लाख रुपए की धनराशि व्यय होनी है। सीडीओ संत कुमार ने बताया कि जिला कारागार में 100 पशुओं की क्षमता की गौशाला का निर्माण कराया जाएगा। सभी सुविधाओं से लैश इस गौशाला में तीन अलग-अलग शेड बनाए जाएंगे। दो शेड नाद के साथ बनाए जाएंगे, जहां पर पशु चारा खाएंगे। वहीं एक शेड उनके बैठने के लिए बनाया जाएगा। इसके अलावा गार्ड रूम, शौचालय, नाली, बाउंड्री बनाई जाएगी। बोरिंग कराते हुए पंप भी स्थापित किया जाएगा। पशुओं के नहाने और उनके बैठने की बेहतर व्यवस्था दी जाएगी। इसके अलावा कंपोस्ट फिट भी बनाया जाएगा। जिससे इनके गोबर और मूत्र का निस्तारण करते हुए खाद भी बनाई जा सके। इसके अलावा पशुओं का चारा रखने के लिए अलग कक्ष बनाया जाएगा। गर्मी के दिनों के लिए पंखा, कूलर लगवाए जाएंगे। तो ठंड से बचाव के भी पूरे इंतेजाम किए जाएंगे। ताकि गोशाला में रहने वाले पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। चारे की उचित व्यवस्था की जायेगी।