परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नया प्रभेद 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देता है। यह गहरा नारंगी रंग का भरा और गठा हुआ है। गेंदा की खुशबू और उसकी खूबसूरती के लिए अब साल भर का इंतजार नहीं करना होगा। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर ने स्थानीय मिट्टी और वातावरण के अनुकूल गर्मी में फूल देने वाली गेंदे की किस्म विकसित की है। बीएयू के पीआरओ डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि भागलपुर सहित आठ जिलों गया, जमुई, औरंगाबाद, मधुबनी, हाजीपुर, कटिहार, पूर्णिया में दो वर्षो तक इसकी प्रायोगिक खेती की जा चुकी है। इतना ही नहीं देश के 21 केंद्रों पर इसका प्रत्यक्षण किया जा रहा है। ताकि इसे राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज किया जा सके। पांच वर्षो के प्रयास से विकसित हुए इस प्रभेद को फिलहाल बीआरएम 113 कोड दिया गया है। प्रभेद जारी होने के बाद इसे नाम दिया जाएगा। नए प्रभेद का ईजाद युवा वैज्ञानिक डॉ. श्यामा कुमारी और डॉ. चंदन राय ने पुष्प विभाग के अध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार की देखरेखमें किया है। 42 डिग्री सेल्सियस पर भी खिलेंगे फूल परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नया प्रभेद 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देता है। यह गहरा नारंगी रंग का भरा और गठा हुआ है। बिचड़ा तैयार होने में 35 दिन लगते हैं। कुल 70-75 दिन में फूल तैयार हो जाता है। प्रति हेक्टेयर 800 ग्राम बीज की खपत होती है और 100 से 120 क्विंटल उत्पादन होता है। फरवरी के पहले सप्ताह में इसे लगाया जाता है। परंपरागत गेंदे के लिए आदर्श तापमान 18 से 26 डिग्री सेल्सियस तक है। नई किस्म 42 डिग्री सेल्सियस तापमान तक में फूल देती है। बिचड़ा तैयार होने में 35 दिन लगते हैं। कुल 70-75 दिन में फूल तैयार हो जाता है।