डॉ. श्री कृष्ण सिन्हा महिला महाविद्यालय में विभाजन से जुड़े चित्रों की प्रदर्शनी तथा ‘स्वाधीनता व भारतीय राजनीति दशा व दिशा’ पर शुक्रवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ अरुण कुमार ने की। विषय प्रवेश राजनीति शास्त्रत्त् विभागाध्यक्ष डॉ दीपमाला श्रीवास्तव ने किया। विभाजन की त्रासदी झेलते इस देश ने आज जो प्रगति की है, उस पर आपने विचार रखे गए। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विवि के विधि सलाहकार तथा मुंशी सिंह कॉलेज के लॉ महाविद्यालय के प्रभारी डॉ.मयंक कपिला ने संविधान निर्माण से लेकर, शाह बानू केस पर प्रकाश डालते हुए विचार रखे। उन्होंने विधिक दृष्टि से आजादी और उसके बाद की दशा और दिशा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि लॉ के ही अंदर राजनीति छुपी हुई रहती है। पटना विश्वविद्यालय से आये डॉ. मायानन्द ने इतिहास से जुड़े कई परतों को खोला तथा स्वाधीन भारत पर अपने विचारों को प्रकट किया। प्रो डॉ अरुण कुमार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में चम्पारण भी क्रांति, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि से परिचित कराते हुए कहा कि आज का भारत पूर्ण रूप से युवा और आत्मनिर्भर भारत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुयोग्य नेतृत्व में तीव्र गति में विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। मंच संचालन हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी रोशनी विश्वकर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. कल्पना सिंह ने किया।