जिले के 27 प्रखंडों में अवस्थित पशु चिकित्सालयों में कुल 46 पदों पर ही पशुचिकित्सकों की पदस्थापना होने के कारण जिले के पशु सरकारी चिकित्सा सुविधा से पूर्णरूपेण वंचित हो गये हैं । जिसके कारण बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा समय पर जिले में उपलब्ध नहीं हो पा रही है । यहां नहीं हैं पशुचिकित्सक नरहां पानापुर, मधुबन, अरेराज, पहाड़पुर, गड़हिया बाजार, फेनहारा, कुंडवा चैनपुर, जिहुली, शिकारगंज, आदापुर, रक्सौल प्रखंड का एक पशु चिकित्सालय, सुगौली के रघुनाथपुर, दरमाहां कल्याणपुर, भोपतपुर,मलाही व तुरकौलिया का सपहीडीह व नरकटिया में पदस्थापित पशुचिकित्सक बिना सूचना के एक लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं । जिन प्रखण्डों में पशुचिकित्सक नहीं है। उस प्रखंड का प्रभार निकट के प्रखंड स्तरीय पशुचिकित्सा पदाधिकारी को दे दिया गया है। प्रभारी पशुचिकित्सा पदाधिकारियों को किसी घटना-दुर्घटना की सूचना मिलने पर तत्काल उस स्थान पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। जिन स्थानों पर पशुचिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं, उन स्थानों पर प्रत्येक माह आठ-दस पशु शिविर लगा पशु दवाओं का निशुल्क वितरण पशुपालकों में कर दिया जाता है। डीएचओ डॉ. प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि जिला पशुपालन कार्यालय में डीएचओ सहित कुल 74 पद स्वीकृत हैं । जिनके मुकाबले डीएचओ सहित कुल पैंतीस पदों पर ही पशुचिकित्सक प्रतिनियुक्त हैं। शेष पद प्रभार में चल रहे हैं।