अब ब्रेल लिपि में म्यूजिक और मैप की किताब छपेगी। बिहार-झारखंड के बच्चों के लिए दोनों विषयों की किताबें मुजफ्फरपुर में छपेंगी। सोशल जस्टिस और इम्पावरमेंट केन्द्र सरकार ने इसे लेकर अनुमति दी है। सरकार की इस अनुमति के बाद दिव्यांग बच्चों की 12वीं तक की पढ़ाई सुलभ हो गई है। 12वीं तक में साइंस और गणित की जगह दृष्टि दिव्यांग बच्चे म्यूजिक और गृहविज्ञान पढ़ते हैं। दृष्टि दिव्यांग बच्चे म्यूजिक की पढ़ाई तो कर रहे थे, मगर इनकी किताबें नहीं होती थी। 12वीं तक के साथ ही इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में भी ब्रेल लिपि में किताब छापने की तैयारी है। एआईसीटीई ने तकनीकी कॉलेजों को इसे लेकर निर्देश दिया है। दृष्टि दिव्यांग व ब्रेल प्रेस की संचालक डॉ. संगीता अग्रवाल ने बताया कि देशभर में10 ब्रेल लिपि के प्रकाशक हैं, जिनके साथ केन्द्र सरकार की बैठक हुई। इसमें मुद्दा रखा गया कि दिव्यांग बच्चे म्यूजिक लेकर पढ़ते हैं मगर इनकी किताबें कहीं भी ब्रेल लिपि में नहीं छप रही है। यही स्थिति मैप की भी है। इससे बच्चे केवल सुनकर पढ़ाई कर रहे थे। बिहार-झारखंड दिव्यांग बच्चों के लिए किताबें मुजफ्फरपुर के शुभम विकलांग केन्द्र स्थित ब्रेल लिपि छापाखाने में छपेगी।