शराब कांड का मुख्य धंधेबाज घटना के एक सप्ताह बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। उत्पाद विभाग व जिला पुलिस की अलग-अलग टीम घटना के बाद से ही दिन रात छापेमारी कर रही है, मगर मुख्य धंधेबाज अभी भी फरार है। उत्पाद विभाग के करीब तीस पदाधिकारी व दो सौ से अधिक जवानों की अलग-अलग टीम लगातार विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर रही है, मगर छोटे-छोटे शराब धंधेबाजों व पियक्कड़ों के आलावा किसी बड़े शराब धंधेबाज को अभी तक नहीं पकड़ पायी है। हालांकि पुलिस मुख्य धंधेबाज की पहचान का दावा कर रही है, मगर जांच प्रभावित होने के चलते उसके नाम का खुलासा करने से परहेज कर रही है। 13 अप्रैल की रात हरसिद्धि थाना के मठलोहियार भक्ताहाँ टोला गांव में पिता-पुत्र की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई। 14 अप्रैल की सुबह परिजनों व ग्रामीणों ने शराब पीने से मौत होने की आशंका जताई, मगर प्रशासन डायरिया से मौत बताता रहा। 14 अप्रैल देर शाम तक पहाड़पुर, हरसिद्धि, तुरकौलिया, सुगौली व रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक लोग बीमार पड़े जिन्हें विभिन्न निजी व सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। देर रात तक करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी थी। अभी भी करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 13 अप्रैल की रात जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र में पिता-पुत्र की संदिग्ध मौत हुई थी। जिसके बाद से मौत का सिलसिला शुरू हुआ और अबतक मृतकों की संख्या 45 तक पहुंच चुकी है। हालांकि सरकार संदिग्ध मौत को अब जहरीली शराब से हुई मौत मान चुकी है। मगर, घटना के एक सप्ताह बाद भी उत्पाद विभाग या जिला पुलिस मुख्य शराब धंधेबाज को पकड़ पाने में विफल रही है।
