बिहार राज्य के जिले में सरकारी रेट की तुलना में मार्केट रेट अधिक होने से गेहूं अधिप्राप्ति को लेकर संशय है। खुले बाजार में 2200 रुपये से 2300 रुपए क्विंटल गेहूं किसान बेच रहे हैं। जबकि सरकार के द्वारा रबी विपणन 2023-24 के लिए 2125 रुपए क्विंटल गेहूं का सरकारी दर निर्धारित किया है। लिहाजा किसानों के द्वारा मार्केट में गेहूं बेचने पर उसे 75-175 रुपए प्रति क्विंटल अधिक प्राप्त हो रहा है। जिससे किसान क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए सरकारी पचड़े में जाने से बेहतर व्यवसायियों के हाथों गेहूं बेचना ज्यादा फायदेमंद मान रहे हैं। अभी क्रय केन्द्र नहीं खुले हैं। आगामी 20 अप्रैल से खुलेंगे। 30 जून तक गेहूं क्रय की अंतिम तिथि निर्धारित है। इतना ही नहीं किसान सरकारी दर पर गेहूं बेचने के लिए सहकारिता विभाग के पोर्टल पर निबंधन भी नहीं करा रहे हैं। जिससे कयास लगाया जा रहा है कि इस सीजन में क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने के बजाय खुले बाजार में ही किसान ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं। सरकार के द्वारा जिले को 5 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन सरकारी स्तर पर तैयारी आधी अधूरी है। न तो टास्क फोर्स की बैठक हुई है और न लक्ष्य का प्रखंड वार विखंडन ही किया गया है। जिससे अभी तक यह भी नहीं तय हो पाया है कि कितने पैक्स को गेहूं खरीद के लिए चयन करना है। जबकि जिला कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष 1 लाख 28 हजार 573 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी। जिला सांख्यिकी विभाग के पास फसल कटनी के बाद अभी उत्पादन का आंकड़ा प्रखंडों से प्राप्त नहीं हुआ है। लेकिन प्रति हेक्टेयर 32 से 35 क्विंटल उत्पादन की उम्मीद है। इससे इस साल 4.11 लाख टन उत्पादन की संभावना है। इधर डीसीओ आरएन पांडेय ने बताया कि गेहूं खरीद की तैयारी की जा रही है। टास्क फोर्स की बैठक में गेहूं क्रय की तैयारी संबंधी निर्णय ले लिए जाएंगे।
