-सफेद बैगन के उन्नत प्रभेद की हरियाली से गुलजार होंगे किसानों के खेत -कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को उपलब्ध कराएगी सफेद बैगन का उन्नत प्रभेद सफेद बैंगन ना सिर्फ स्वाद में बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। अपने पोष्टिक गुणों के कारण इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। ऐसे में सफेद बैंगन की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए भी यह अच्छी खबर है। अब चम्पारण के खेत भी सफेद बैगन की हरियाली से गुलजार होगा। कृषि विज्ञान केंद्र इसके लिए अत्यधिक मात्रा में सफेद बैगन के उन्नत प्रभेद जिले के किसानों को उपलब्ध कराएगा। बैंगन की उन्नत किस्मों की खेती करके किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकता है।  होता है बम्पर उत्पादन: बैगन किसानों के लिए आसान खेती माना जाता है। व चम्पारण में काफी पसंद किया जाता है। यहां की जलवायु व मृदा उसके बम्पर उत्पादन के लिए अनुकूल माना जाता है। बैंगन की उन्नत किस्मों में पूसा पर्पर लोंग, पूसा पर्पर कलस्टर, पूर्सा हायब्रिड 5, पूसा पर्पर राउंड, पंत रितूराज, पूसा हाईब्रिड-6, पूसा अनमोल आदि शामिल है। एक हेक्टेयर में करीब 450 से 500 ग्राम बीज डालने पर करीब 300-400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन मिल जाता है। सफेद बैंगन की खेती सर्दियों की जाती है, लेकिन पॉलीहाउस इसकी खेती से अच्छा  मुनाफा कमाया जा सकता है। सेहत का खजाना है सफेद बैगन: यह सेहत का भी खजाना है। इसमें मौजूद फाइबर खाने को सही तरीके से पचाने में आपकी मदद करता है। इसके साथ ही यह मधुमेह रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद हो सकता है। सफेद बैंगन को अगर नियमित रूप से खाने में शामिल किया जाए तो गैस, एसिडिटी और कब्ज की समस्या नहीं होती है। सफेद बैंगन में पोटेशियम, कॉपर, मैग्नीशियम और विटामिन बी जैसे पोषक तत्वों पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। ऐसे में सफेद बैंगन ही नहीं, इसकी पत्तियों के सेवन से भी कई स्वास्थ्य लाभ मिलता है। शुगर लेवल को करता है कंट्रोल: शुगर कंट्रोल करने के लिए सफेद बैंगन को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।यह डायबिटीज में होने वाली परेशानियों को कम कर सकता है। सफेद बैंगन की पत्तियों में मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम ब्लड में शुगर की मात्रा को कम कर सकता है। सफेद बैंगन में फाइबर की मात्रा अधिकता होने के कारण आप इसका सेवन वजन घटाने के लिए भी कर सकते हैं। यह लंबे समय तक भूख को दबाए रखने में आपकी मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ता है। केविके विकसित पॉलीहाउस में करता है खेती: कृषि विज्ञान केंद्र पीपराकोठी में विकसित पॉलीहाउस में बेमौसम सफेद बैगन की खेती की जाती है। वहीं बैगन के बीजों की नर्सरी भी पॉली हाउस में तैयार किया जाता है। सफेद बैंगन के लिये आईसीएआर व आईएआरआई के कृषि वैज्ञानिकों ने दो किस्में पूसा सफेद बैंगन-1 और पूसा हरा बैंगन-1  विकसित की हैं। ये किस्में परंपरागत बैंगन की फसल के मुकाबले जल्दी पककर तैयार हो जाती है।  ऐसे करें खेती: सबसे पहले इसके बीजों को ग्रीनहाउस में संरक्षित हॉटबेड़ में दबाकर रखा जाता है। इसकी बुवाई से पहले बीजों का बीजोपचार कर लेना चाहिए जिससे फसल में बीमारियों की संभावना न रहे। बीजों के अंकुरण तक बीजों को पानी और खाद के जरिये पोषण दिया जाता है और पौधा तैयार होने पर सफेद बैंगन की रोपाई कर दी जाती है। खरपतवारों की चिंता के कारण सफेद बैंगन की बुवाई पंक्तियों में ही करनी चाहिये। क्या कहते हैं केविके प्रमुख: केविके प्रमुख डॉ. अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि सफेद बैगन का उन्नत प्रभेद जिले के किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं इसकी वैज्ञानिक खेती की तकनीक किसानों को बताया जाएगा। ताकि अनुकूल उत्पादन हो सके।