ताड़ी कारोबार से जुड़े ग्रामीण परिवारों के जीविकोपार्जन के लिए जिले के हर पंचायतों में नीरा बिक्री केन्द्र खुलेंगे। जिले में नीरा बिक्री केन्द्र खुलने से जीविका दीदियों को भी रोजगार मिलेगा। इसकी कवायद जीविका के द्वारा शुरू की गयी है। जिले के सभी प्रखंडों में 26 नीरा जीविका उत्पादक समूहों के द्वारा 98 नीरा बिक्री केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। सबसे अधिक चिरैया प्रखंड में 12 नीरा बिक्री केन्द्र खोले गये हैं। इसके अलावा मधुबन में 7, केसरिया में 6, तुरकौलिया, कल्याणपुर, अरेराज व बंजरिया प्रखंड में 5 - 5 नीरा बिक्री केंद्र खोले गये हैं। मोतिहारी निबंधन कार्यालय परिसर में नीरा बिक्री केन्द्र खोला गया है। इस सीजन में 3 लाख 2400 लीटर नीरा बिक्री का लक्ष्य जिले में इस सीजन में नीरा बिक्री केन्द्र के माध्यम से 3 लाख 2400 लीटर नीरा बिक्री करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य का ेपूरा करने के लिए 27 प्रखंडों करीब 25 हजार लीटर नीरा का संग्रह व बिक्री की गयी है। 60 रुपये प्रति लीटर की दर से नीरा की बिक्री की जाती है। नीरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मद्य निषेध व उत्पाद विभाग के द्वारा नीरा टैपरों को नीरा उत्पादन के लिए लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है। लाइसेंस के लिए करीब 552 आवेदन मिले हैं। जिसमें अधिकांश लोगों को लाइसेंस निर्गत किया जा चुका है। क्या है नीरा प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद व सूर्योदय के पहले ताड़ व खजूर के पेड़ से एक प्रकार का रस निकलता है। इस रस को काफी निम्न तापमान पर संग्रह कर स्टॉक किया जाता है। इसे रखने के लिए आइस बॉक्स आद का उपयोग किया जाता है। इससे यह ठंडा रहता है। ताड़ व खजूर के पेड़ से निकले रस से पेड़ा व गुड़ भी बनाया जा सकता है। कोटवा सहित तीन प्रखंडों में इस रस से पेड़ा व गुड़ का निर्माण किया जा रहा है।
