जिले में निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों और उनके अविभावकों के आर्थिक शोषण को लेकर भारत की कम्युनिष्ट पार्टी मार्क्सवादी ने इससे मुक्ति के लिए आम लोगों को गोलबंद करना प्रारंभ कर दिया है । इस मामले में जिलाधिकारी को एक मांग पत्र भी सौंपा है। मांग पत्र की प्रति दिखाते हुए पार्टी के जिला मंत्री सत्येंद्र कुमार मिश्र ने आरोप लगाया है कि आम लोगों को लूटने का एक जरिया निजी विद्यालय बन गया है। इन विद्यालयों में आम लोगों और गरीबों के बच्चों का नामांकन नहीं होता। अगर किसी किसान मजदूर ने इन विद्यालयों में नामांकन करा भी लिया है तो री- एडमिशन और विशेष शुल्क के नाम पर छात्रों और उनके अविभावकों का शोषण कर रही है।मनमाने ढंग से मासिक शुल्क का निर्धारण और वसूली कर रही है। विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों की भी ऊंची कीमत वसूली जा रही है।इसे बंद करना होगा। पार्टी ने जिलाधिकारी को सौंपे मांग पत्र में री एडमिशन के नाम पर शोषण बन्द करने,मासिक शुल्क निर्धारित करने और सभी निजी विद्यालयों में एनसीइआरटी की पुस्तक अनिवार्य करने की मांग की है।