बिजली व्यवस्था को और दुरुस्त करने, नुकसान-चोरी व दुर्घटना कम करने की राज्य सरकार ने कवायद शुरू की है। इस पर पुनरुत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम-आरडीएसएस) के तहत 13 हजार करोड़ से अधिक खर्च किए जाएंगे। आवश्यकता अनुसार ग्रिड, सब-स्टेशन, फीडर बनाए जाएंगे। पावर ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। साथ ही अतिरिक्त पावर ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इनके अलावा आवासीय, वाणिज्यिक परिसर व ट्रांसफॉर्मरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। घनी आबादी वाले इलाकों में बिजली तारों को कवर किया जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों के माध्यम से सभी कार्य कराए जाएंगे। बिजली व्यवस्था सुधारने को राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने सहमति दे दी है। योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार 6040 के अनुपात में राशि खर्च करेंगी। ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत पहले चरण में 7081 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी प्रदान की है। इससे बिजली वितरण कंपनियों की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ उनमें वित्तीय स्थिरता भी आएगी।