विश्व जल दिवस 22 मार्च को है। लेकिन जल दिवस पर जल संरक्षण के प्रति आम से खास तक जागरूक नहीं दिख रहे हैं। लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मोतिहारी के सर्वे में यह देखा गया है कि जिले में भूगर्भीय जलस्तर में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। जलस्तर के गिरावट को देखते हुए इसपर आम लोग जागरूक नहीं हुए तो पूर्वी चम्पारण में जल संकट गहरा सकता है। आम लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं हुए तो आनेवाले समय से जल के लिए लोगों को तरसना पड़ सकता है। पांच पंचायतों के सर्वे में जलस्तर में गिरावट का खुलासा मोतिहारी प्रखंड के पांच पंचायतों में पीएचईडी के द्वारा जलस्तर को लेकर सर्वे किया गया है। जिसमें पांच साल में पांच फीट तक जलस्तर में गिरावट का मामला सामने आया है। जो चौंकानेवाला है। अमर छतौनी पंचायत में जून वर्ष 2019 में जलस्तर का माप 17 फीट 10 इंच, जून वर्ष 2022 में 15 फीट व वसंतकालीन मौसम में मार्च 23 में 12 फीट 9 इंच पानी का जलस्तर पाया गया है। मधुबनी घाट पंचायत में जून 2019 में 24 फीट, जून 22 में 21 फीट 7 इंच व मार्च 23 में 20 फीट जलस्तर पाया गया है। रूलही पंचायत में जून 19 में 15 फीट, जून 22 में 15 फीट 7 इंच व मार्च23 में 13 फीट 8 इंच जलस्तर मिला है। छतौनी पंचायत में जून 19 में 18 फीट 5 इंच, जून 22 में 17 फीट 7 इंच व मार्च 23 में 13 फीट 10 इंच पाया गया है। ढेकहां उत्तरी पंचायत में जून 19 में 21 फीट 8 इंच, जून 22 में 20 फीट 6 इंच व मार्च 23 में 17 फीट 3 इंच जलस्तर पाया गया है।
