पूर्वी चंपारण जिले के अनुमंडलीय अस्पताल, पीएचसी, एपीएचसी व आयुष्मान भारत के तहत मरीजों के इलाज के लिये किये गए रजिस्ट्रेशन में जमा राशि का पूरा ब्यौरा राज्य स्वास्थ्य समिति ने सीएस से मांगा है। इसे एक सप्ताह में देने का निर्देश दिया है। जानकारी के अनुसार विधान सभा में पूर्व मंत्री विनोदानंद झा ने इस बात की जानकारी मांगी है। साथ ही कितने स्वास्थ्य केंद्र उप केंद्र और अतरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है। इसकी भी जानकारी मांगी है। बताते हैं कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजों को रजिस्ट्रेशन 10 रुपये देकर करना पड़ता है। यह राशि रोगी कल्याण समिति में जमा होती है। इस राशि का खर्च विशेष परिस्थिति में मरीज के इलाज से अस्पताल में आकस्मिक समय पर कमिटी की बैठक में लिया जाता है । बताया जाता है कि रोगी कल्याण समिति में कितनी राशि आयी और कितना किस मद में खर्च हुई इसको आज तक गुप्त रखा गया है। चाहे सदर अस्पताल का मामला हो या प्राथमिक चिकित्सा केंद्र सहित अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक इसके हिसाब का खुलासा नहीं होता है और न ही ऑडिट किया जाता है। बताते है कि विधानसभा में उठाये गए प्रश्न का जवाब राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक ने सीएस से मांग की है। इस पत्र की प्रप्ति के बाद सीएस कार्यालय से सभी सम्बंधित अधिकारी को भेज दिया गया है। इस पत्र से विभाग में हड़कम्प मच गया है क्योंकि इसमें बहुत अनियमितता होने की बात बताई जा रही है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने अस्पताल में देखे गए मरीजों की बीमारी की रिपोर्ट भी नहीं भेजे जाने पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने नाराजगी जताई है। साथ ही हर महीने इसकी रिपॉर्ट भेजने का निर्देश दिया है। इसको लेकर सीएस ने सभी प्रभारियों को इस निर्देश का पालन करने को कहा है। इस सम्बंध में सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि रोगी कल्याण समिति में जमा राशि को राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजने का निर्देश दिया गया है।