वाहनों के परमिट की वैधता समाप्त होने के 180 दिनों के अंदर उसका नवीकरण कराना अनिवार्य होगा। अगर, कोई वाहन मालिक छह माह बाद नवीकरण के लिए आवेदन करते हैं तो उसपर विचार नहीं किया जाएगा। वैधता समाप्ति के 180 दिनों के बाद परमिट स्वत रद्द माना जाएगा। राज्य परिवहन प्राधिकार ने यह निर्णय लिया है, जिसको लेकर सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि रद्द परमिटों के परमिटधारी द्वारा परमिट जारी करने वाले प्राधिकार के समक्ष मूल परमिट को अनिवार्य रूप से समर्पित किया जाएगा। यदि परमिटधारी द्वारा ऐसे परमिट का समर्पण नहीं किया जाता है तो उनके नाम से निबंधित सभी वाहनों को अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर परमिट की स्वीकृति के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा, ताकि ऐसे परमिटधारियों के पक्ष में भविष्य में किसी भी प्राधिकार से परमिट जारी नहीं हो सके। परमिट नवीकरण कराये बिना बसों के परिचालन की मिल रही थी शिकायत, जिससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा था। इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि प्राधिकारी से अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर निर्गत परमिट की वैधता समाप्त होने की तिथि से 180 दिनों तक बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के नियम 82 में तय प्रावधान के तहत विलंब शुल्क के साथ नवीकरण के लिए आवेदन मान्य होंगे। राज्य परिवहन प्राधिकार के द्वारा अंतरराज्जीय/अंतरक्षेत्रीय मार्गों पर पांच वर्षों के लिए परमिट जारी किया जाता है। परमिट की अवधि समाप्त होने के बाद आवेदनों पर विचार करते हुए प्राधिकार के द्वारा पांच वर्षों के लिए परमिट का नवीकरण किया जाता है।