जिले में धान खरीद में धान मिलिंग के लिए राइस मिलर की संख्या कम पड़ रही है।राइस मिलों की संख्या अधिप्राप्ति की तुलना में कम पड़ने से पैक्स को मिलिंग के लिए धान आपूर्ति में काफी परेशानी हो रही है। सहकारिता विभाग के दावे के अनुसार करीब छह दिनों बाद राइस मिलरों को समितियों के द्वारा अपने वाहन से धान आपूर्ति का नंबर आ रहा है। जबकि सूत्रों के अनुसार समितियों को इससे अधिक समय बाद धान आपूर्ति की बात बतायी जा रही है। जिससे पैक्स के गोदाम फुल हो जा रहे हैं। लिहाजा समितियों के माध्यम से धान खरीद की रफ्तार सुस्त पड़ी है। जिसके कारण जिले में 2.51 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के विरूद्ध 16 हजार 490 किसानों से 1.54 लाख मीट्रिक टन ही धान की अधिप्राप्ति हो सकी है। इसमें 12 हजार 647 किसानों को 24735 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 1134 लॉट सीएमआर एसएफसी को जमा किया जा चुका है। जिले में सीएमआर के लिए अरवा चावल के 28 राइस मिलर हैं ,जिसमें पैक्स के हैं। इन राइस मिलरों के यहां 19 हजार 552 मीट्रिक टन धान कुटाई की क्षमता है। जबकि उसना चावल कुटाई के 8 राइस मिलर हैं। इन आठ राइस मिलर को शेष 2.31 लाख मीट्रिक टन धान की कुटाई का लक्ष्य दिया गया है। जिला को ऑपरेटिव बैंक के एमडी राजेश कुमार ने बताया कि धान अधिप्राप्ति की अंतिम तिथि 15 फरवरी तक निर्धारित है। जबकि सीएमआर जमा कराने की तिथि 31 अगस्त तक निर्धारित है। बताया कि सीएमआर के लिए मिलरों के पास समितियों को टैग किया गया है। मिलरों ंकी संख्य कम होने से करीब छह दिनों बाद पैक्स के द्वारा मिलरों को धान आपूर्ति का मौका मिल रहा है।
