किसानों के हितों की रक्षा के लिए वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं।इसके लिए सरकार से लड़ना भी पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे।बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह रविवार को जिले के गोरगांवा झंडा मैदान में किसान पंचायत को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मंत्री ने कहा कि वे सड़क मार्ग से आये हैं। सुशासन पटना से चलकर गांवों में पहुंचने से पहले गुम हो जाता है। बिहार गरीब राज्य नहीं है। यहां के नेताओं ने इसे गरीब बनाया है। सुधाकर सिंह ने कहा कि आज की सरकार से बेहतर सोच अंग्रेजों की थी। बिहार में युवा शक्ति भी है। यहां की मिट्टी उपजाऊ है, पर हमारा योगदान देश के जीडीपी में कितना है, यह विचारणीय है। पूर्व मंत्री ने कहा कि बिहार के स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, जो हैं वे पढ़ाते नहीं हैं। विद्यालयों में भवन नहीं है। महात्मा गांधी द्वारा स्थापित बुनियादी विद्यालय की भी यही दुर्दशा है। आज किसानों को खाद नहीं मिल रही है। सारा खाद तस्करी होकर नेपाल चला जाता है। पूर्व कृषि मंत्री ने किसानों से संघर्ष करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह गांधी की कर्म भूमि है। गांधीजी के सत्याग्रह के आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा था। अब आपके भी जगने का समय आ गया है। उपस्थित लोगों ने भी अपनी समस्याओं को पूर्व मंत्री के समक्ष रखा। सभा को संजीव सिंह, बसंत सिंह आदि ने भी संम्बोधित किया। अध्यक्षता शंभू सिह व मंच संचालन राजेश कुमार ने किया।
