विगत उन्नीस-बीस में सम्पन्न बींसवी पशुगणना के आंकड़े बताते हैं कि जिले में कुल तेईस लाख पैंतालीस हजार चार सौ पैंतीस पशु हैं। जबकि विगत दो हजार सात में सम्पन्न अठारहवीं पशुगणना में जिले में मात्र अठारह लाख पशु थे। साथ ही दो हजार बारह में हुई उन्नीसवीं पशुगणना के अनुसार कुल चौदह लाख चौरानबे हजार दो सौ पचपन पशु थे। बीसवी पशुगणना के मुताबिक जिले के तेईस लाख पैंतालीस हजार चार सौ पैंतीस कुल पशुओं में गोे जाति के पशु तीन लाख बानबे हजार सत्तर तथा भैंस जाति के पशुओं की संख्या तीन लाख छियासठ हजार चार सौ सैंतीस है। एक हजार तीन सौ चौदह भेड़,आठ लाख सड़सठ हजार छह सौ छियानबे बकरियां,नौ सौ तिहत्तर घोड़े,नौ सौ इकहत्तर खरगोश, छह हाथी आदि शामिल हैं। वहीं उन्नीसवीं पशुगणना में जिले में गो जाति के देशी व संकर नस्ल के पशुओं की कुल संख्या तीन लाख अड़सठ हजार आठ सौ चौहत्तर थी। भैंस जाति के पशु तीन लाख चौवालीस हजार एक सौ तेईस तथा बकरियों व बकरों की संख्या सात लाख छप्पन हजार नौ सौ सत्तासी थी। हर पांच साल पर होती है पशुओं की गणना डीएचओ डा.प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पशुगणना प्रत्येक पांच साल पर होती है। इक्कीसवीं पशुगणना अगले वर्ष जनवरी में संभावित है। सरकार के द्वारा अभी तक किसी प्रकार की कोई सूचना जिला पशुपालन विभाग को नहीं दी गयी है।