जिले में पहले से आठ अंगीभूत कॉलेज हैं।इनमें, एमएस कॉलेज, एलएनडी कॉलेज, एसएनएस कॉलेज, डॉ. श्रीकृष्ण सिन्हा महिला कॉलेज, एसआरएपी कॉलेज बाराचकिया, एमएसएसजी कॉलेज अरेराज, केसीटीसी कॉलेज रक्सौल, जेके एलएनएम कॉलेज घोड़ासहन हैं। वहीं, कुछ वर्ष पूर्व मधुबन में डिग्री कॉलेज खोला गया है। जिसे मिलाकर जिले में कुल अंगीभूत कॉलेजों की संख्या नौ हो गयी है। कॉलेजों में नामांकन लेकर टॺूशन व बाहर कंपटिशन की तैयारी में निकल जाते हैं छात्र यहां के छात्र स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जिले के कॉलेजों में ही दाखिला लेते हैं। नामांकन लेने के बाद अमूमन छात्र या तो जिले में ही टॺूशन का सहारा लेते हैं। या बाहर कोटा अथवा पटना जाकर कंपटिशन की तैयारी में जुट जाते हैं।जानकारों के अनुसार शिक्षकों की कमी से कॉलेजों में पठन-पाठन कार्य प्रभावित होने से छात्र डिग्री लेने को लेकर कॉलेज में नामांकन लेते हैं। परीक्षा फार्म भरने व नामांकन के समय ही कॉलेजों में भीड़ दिखती है। संसाधनों के अभाव से जूझ रहा मधुबन का डिग्री कॉलेज  संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है मधुबन को डिग्री कॉलेज। इस कॉलेज के भवन निर्माण की आधारशीला पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने 11 दिसम्बर 2014 को रखी थी। रिमोट से उद्घाटन के बाद इस कॉलेज में वर्ग संचालन 2019 से शुरू हुआ। विभागीय उदासीनता से इस कॉलेज में शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों की भारी कमी बनी हुई है। कॉलेज के पास सड़क,प्रयोगशाला के संसाधनों व खेल के मैदान का घोर अभाव बना हुआ है। सड़क के अभाव में निजी जमीन होकर कॉलेज से छात्र-छात्राएं, शिक्षक व कर्मी आवागमन करते हैं। बरसात के दिनों में मुख्य मार्ग से कॉलेज तक जाने वाली सड़क कष्टदायक हो जाती है। महज इतिहास, भूगोल, समाज शास्त्र व राजनीति शास्त्र विषय के ही शिक्षक ही इस कॉलेज में नियुक्त हैं।भोजपुरी, संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र विषय में सीट खाली रह जा रही है।विद्यार्थी इतिहास,मनोविज्ञान,भूगोल,हिंदी व गूह विज्ञान रूचि दिखा रहे हैं।