जिले में धान की खरीदारी लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है। जिले में विगत पंद्रह नवम्बर से शुरू की गयी धान की खरीद धीमी गति से चल रही है। जिले में 2.51 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है। 15 फरवरी तक ही किसानों से धान खरीद की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है। करीब 25 दिन का समय बचा है। इस समय सीमा के अंदर धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा करने में विभाग का पसीना छूट रहा है। जिले के सभी 27 प्रखंडों में समितियों के माध्यम से धान की खरीदारी चल रही है। विगत 15 नवम्बर से धान की अधिप्राप्ति शुरू की गयी है। जिला सहकारिता विभाग के अनुसार जिले में अभी तक 1.08 मीट्रिक टन ही धान की खरीदारी हो पायी है। लिहाजा धान खरीद की रफ्तार सुस्त होने से अभीतक जिले के मिले लक्ष्य का पचास प्रतिशत भी अधिप्राप्ति नहीं हो पायी है। धान खरीद में विलंब से किसानों के घर में रखे धान का नुकसान हो रहा है। जिले में 379 क्रियाशील पैक्स हैं। धान बेचने के लिए जिले के करीब 32 हजार किसानों ने निबंधन कराया है। करीब 18 हजार एमटी सीएमआर गिराया जा चुका है। समितियों के द्वारा धान की खरीदारी करने व सीएमआर गिराने के बाद ही भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। जिसके लिए बीसीओ की अनुशंसा को अनिवार्य किया गया है। सहकारिता बैंक के एमडी राजेश कुमार ने बताया कि धान अधिप्राप्ति की गति को तेज करने का निर्देश दिया गया है।
