जिला के करीब 108 अल्ट्रासाउंड संचालकों का लाइसेंस का रिन्यूअल अधर में लटक गया है। क्योंकि इन सबों का लाइसेंस सिविल सर्जन कार्यालय से सरकार के निर्देश के विरुद्ध दिया गया है। जिसको लेकर इन सब के लाइसेंस के रिन्यूअल के लिये पटना विभाग से निर्देश मांगा गया है जो अभी तक अप्राप्त है। जबकि इसमें अधिकांश के लाइसेंस की अवधि इस माह से लेकर अगले माह समाप्ति पर है। जिसको लेकर ऐसे अल्ट्रासाउंड संचालकों ने सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर लगाना शुरू कर दिया गया है। जांच के लिए डीएम ने बनायी थी कमेटीबताया जाता है कि जिला में निर्गत होने वाले अल्ट्रासाउंड लाइसेन्स के लिये राज्य स्वस्थ्य समित्ति पटना ने ऑनलाइन लाइसेंस के लिए आवेदन लेने का निर्देश 2018 में दिया था। मगर सिविल सर्जन कार्यालय ने इस निर्देश को नजर अंदाज कर सीधा आवेदन लेकर अल्ट्रसाउंड का लाइसेंस यह कह कर बांट दिया कि वे लोग राज्य स्वास्थ्य समिति के अधीन नहीं है । हेल्थ निर्देशक का पत्र मिलेगा तो अमल किया जाएगा। जबकि हेल्थ निर्देशक पटना ने भी पत्र जारी किया था मगर इस पत्र को दबा दिया गया। इस बात को हिंदुस्तान अखबार ने प्रमुखता से उठाया तो विभाग का कान खड़ा हुआ व यह मामला डीएम तक पहुंचा। डीएम शीर्षत कपिल ने जांच कमेटी बनाई। जांच में कई तरह के अनियमितता पायी गयी। बगैर विशेषज्ञ डिग्री के भी लाइसेंस देने की बात सामने आई। जांच रिपोर्ट के बाद इन सबों पर कार्रवाई करने का निर्देश डीएम के द्वारा दिया गया। मगर यह ़फाइल आज भी ठंडे बस्ते में पड़ी है। न तो इन सबों का रिन्यूअल हो रहा है और न लाइसेंस को रद्द किया गया है।