जिले में गन्ना की खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल को प्रमुखता देने के लिए गन्ना उद्योग विभाग ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। गन्ना उत्पादक किसान अगर जैविक खाद का इस्तेमाल गन्ने की खेती में करेंगे तो उन्हें प्रति हेक्टेयर की खेती पर 3750 रुपये का अनुदान राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। उद्योग विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गन्ना की खेती में जैविक खाद के इस्तेमाल से उन्नत प्रभेदों के बीज से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और खेत की उर्वरा शक्ति में भी बढ़ेगी। इससे अन्य फसलों के उत्पादन में भी लाभ होगा। सूत्रों के अनुसार अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 150 रुपये प्रति क्विंटल (25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) यानि 3750 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान भुगतान के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। योजना का लाभ किसानों को अधिकतम 2.5 एकड़ के लिए देय होगा। सूत्रों के अनुसार जैविक खाद की खरीद लाइसेंस धारक विक्रेता से ही करनी होगी। साथ ही, जीएसटी युक्त खाद की बिक्री पर ही अनुदान अनुमान्य होगा। बिना इसके जैविक खाद की खरीद किए जाने पर अनुदान का भुगतान नहीं होगा। उत्तर बिहार के जिलों में प्रमुखता से होती है गन्ने की खेती उत्तर बिहार के जिलों में प्रमुखता से गन्ना की खेती होती है। इनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीवान, भागलपुर, दरभंगा, सहरसा, पूर्णिया जिले शामिल हैं। इनके अतिरिक्त जमुई, भोजपुर, गया, पटना में भी गन्ने की खेती की जाती है। जैविक खेती को प्रमुखता दिए जाने से इन जिलों में गन्ने की खेती को बढ़ावा मिलेगा।