बिहार के कामगारों की दिलचस्पी परम्परागत कार्यों में ही ज्यादा है। ई-श्रम पोर्टल पर अब तक दो करोड़ 85 लाख कामगारों का निबंधन हो चुका है। इनमें से लगभग 50 फीसदी कामगार केवल कृषि प्रक्षेत्र में ही काम करने वाले हैं। नए प्रक्षेत्र में काम करने वाले कामगारों की संख्या महज हजारों में है। पोर्टल पर निबंधित कामगारों में महिलाओं की संख्या अधिक है। 55.98 फीसदी महिलाएं तो 44.02 फीसदी पुरुष कामगार हैं। इनमें 16 से 18 वर्ष के बीच 4.07 फीसदी कामगार हैं। सबसे अधिक कामगार 18 से 40 वर्ष के बीच के हैं। 65.29 फीसदी कामगार इस उम्र के हैं। जबकि 40 से 50 वर्ष के बीच 19.89 फीसदी तो 50 वर्ष से अधिक 10.76 फीसदी कामगार हैं। राज्य में सबसे अधिक लोग कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं। एक करोड़ 41 लाख से अधिक कामगारों में 52 फीसदी महिलाएं तो 47 फीसदी पुरुष हैं। इनमें 62 फीसदी कामगार 18 से 40 वर्ष के बीच वाले हैं। कपड़ा उद्योग में काम करने वाले कामगारों की संख्या एक लाख 66 हजार है। इनमें 66 फीसदी महिलाएं हैं। 94 की आमदनी 10 हजार से कम कृषि और विनिर्माण क्षेत्र को मिलाकर बिहार के 59.43 फीसदी कामगार हैं। राज्य के 94 फीसदी मजदूरों की आमदनी 10 हजार से कम है। मात्र एक फीसदी से भी कम की आय 18 हजार मासिक से अधिक है। वहीं 15 हजार से कम आमदनी वालों की संख्या एक करोड़ 40 लाख से अधिक है। 21 हजार से कम आमदनी वालों की संख्या 57 हजार से अधिक है। वहीं 21 हजार से अधिक आमदनी की श्रेणी में 55 हजार कामगार हैं।