जिले में मौसम में उतार चढ़ाव से ठंड का कहर अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को सुबह में ठंड अधिक थी। सुबह में हल्की धूप निकली रही। लेकिन दिन चढ़ने के साथ अच्छी धूप खिलने से से लोगों को ठंड से काफी राहत मिली। लेकिन पछिया हवा चलने से कनकनी बरकरार रही। विगत 25 दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जन जीवन अस्त व्यस्त था। लोग शीतलहर के प्रकोप से घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। सबसे अधिक परेशानी वृद्ध व बच्चों को ठंड से हो रही थी। कई बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों बाद जिले में इतनी कड़ाके की ठंड पड़ी है। जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। इस साल ठंड का कहर जारी रहने से खेती किसानी पर भी असर पड़ा। ठंड से काम नहीं मिलने से दिहाड़ी मजदूरों पर तो आफत आ गयी थी। इधर मौसम विभाग पूसा के वरीय वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी (कृषि मौसम) डॉ. ए सत्तार के अनुसार अधिकतम तापमान में अधिक गिरावट से इस तरह की कड़ाके की ठंड पड़ी है। इस साल अधिकतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। जिससे ठंड ने पिछले 64 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। विगत पांच जनवरी को अधिकतम व न्यूनतम तापमान में मामूली अंतर रह गया था। जो कड़ाके की ठंड का बड़ा कारण बना। उक्त तिथि को अधिकतम तापमान 11.8 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। डा. सत्तार के अनुसार दो तीन दिनों तक सुबह व शाम के समय ठंड अधिक रहेगी। इसके बाद बढ़िया धूप खिलेगी। जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिलने का अनुमान है।
