पंद्रह जनवरी रविवार को मंकरसंक्रांति को लेकर नगर से लेकर गांवों तक में एक त्योहार का माहौल बन गया है। जिधर देखा जाय उधर लाई,तिलवा बनाने की जोरदार तैयारी चल रही है। इसके लिए लोग आवश्यक खरीदारी में भी जुटे हुए हैं। नगर के बाजारों में लाई, तिलकुट व तिलपापड़ी की बहुत डिमांड है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के चौक-चौराहों तक लाई व तिलकुट की एक अलग किस्म की सोंधी खुशबू फैली हुई है। संक्रांति को लेकर नगर के जानपुल चौक,गांधी चौक,छतौनी चौक,कचहरी चौक, बलुआ बाजार, हेनरी बाजार,कुंआरी देवी चौक व मीना बाजार में तैयार लाई अस्सी रु. प्रति किलो,तिलवा 180 रु.प्रति किलो से 200रु.किलो की दर से बिका। वहीं कच्चा हल्दी साठ रु.किलो,अदरख अस्सी रुपये से एक सौ रुपये किलो,साधारण चूड़ा पचास रु.किलो,मिर्चा चूड़ा नब्बे रुपये से एक सौ रु.किलो,गुड़ पचास रु.किलो तथा उड़द का दाल एक सौ बीस रु.किलो की दर से बिक रहा है। दही की हुई खूब खरीदारी दही चूड़ा खाने व खिलाने के लिए लोगों ने दही की खरीदारी खूब की । वहीं नगर के अधिकतर मिष्टान्न भंडारों में दही के आर्डर दिये गये हैं। पर्व को लेकर नगर के बाजारों में मिर्चा का चूड़ा एक सौ बीस रुपये किलो, गुड़ पचास रुपये किलो, खुला लाई अस्सी रुपये किलो, चूड़ा साधारण चालीस से पचास रुपये किलो, कच्चा हल्दी रुपये किलो, अदरख साठ रुपये किलो, उड़द की दाल डेढ़ सौ रुपये किलो,काला तिल डेढ़ सौ रुपये किलो तथा उजला तिल एक सौ सत्तर रुपये किलो की दर से खूब बिका।
