आगामी पंद्रह जनवरी रविवार को मकर संक्रांति को लेकर नगर में उत्साह का माहौल बन गया है। सभी मकर संक्रांति मनाने के लिए लोग खरीदारी में जुटे हुए हैं। नगर के बाजारों में लाई, तिलकुट व तिलपापड़ी की डिमांड बढ़ गयी है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के चौक-चौराहों तक लाई व तिलकुट की सोंधी खुशबू फैली हुई है। महंगाई पर भारी पड़ रही है श्रद्धा पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की कीमतों में इजाफा होने के बावजूद लोगों की श्रद्धा महंगाई पर भारी पड़ रही है । दुकानदार राजेश बताते हैं कि पिछले वर्ष तैयार लाई चालीस से पचास रुपये किलो और तिलवा दो सौ से ढाई सौ रुपये किलो तक बिका था ,जबकि इस वर्ष तैयार लाई अस्सी रुपये किलो व तिलवा तीन सौ बीस रुपये किलो की दर से बिक रहा है। गुड़ व्यवसायी रामदेव प्रसाद के अनुसार पिछले वर्ष गुड़ पैतीस से चालीस रुपये बिका था,जबकि इस वर्ष साठ रुपये बिक रहा है। चूड़ा की हो रही खूब खरीदारी संक्रांति को लेकर शहर के जानपुल चौक, गांधी चौक, छतौनी चौक, बलुआ बाजार, हेनरी बाजार, कुंआरी देवी चौक व मीना बाजार में साधारण चूड़ा 40 से 50 रुपये किलो तथा मिर्चा का चूड़ा 90 से सौ रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। व्यवसायी कमल प्रसाद बताते हैं कि काला तिल 150 रु.किलो ,उजला तिल 180 रु.किलो, उड़द दाल 120 रु.से 140रु. प्रति किलो,अदरख 80 रु.किलो से एक सौ रूपये किलो,कच्चा हल्दी साठ से अस्सी रु.किलो की दर से बाजार में बिक रहा है। जबकि पिछले वर्ष उड़द दाल एक सौ से एक सौ दस रुपये प्रति किलो,उजला तिल 150 रु.किलो तथा अदरख मात्र 60 रुपये किलो की दर से बिका था। संक्रांति को लेकर तैयार लाई व तिलवा के बढ़ते डिमाण्ड को देखते हुए व्यवसायियों के परिवार में दो-तीन दिन पहले से ही घर के लोग लाई की तैयारी करने में जुटे हुए हैं ।
