शहर में स्वछंद विचरण कर रहे अवारा पशुओं पर लगाम लगाने में नगर परिषद प्रशासन विफल साबित हो रहा है। शहर का कोई ऐसा चौक - चौराहा और सड़क नहीं है जहां ये अवारा पशु स्वछंद विचरण नहीं कर रहे हो। इनके झुंड में विचरण करने से जहां सड़कों पर आये दिन राहगीर दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल हो जा रहे है। वहीं सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। शहर में अवारा पशुओं के विचरण पर लगाम लगाने पर नप प्रशासन लाखों रूपये खर्च करती है। किंतु इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। क्या है नियम नगर परिषद प्रशासन अवारा पशुओं के विचरण पर लगाम लगाने के लिए एक अभियान चलाकर जंगल में छोड़ने के लिए टेंडर किया है। जिसके एवज में नप प्रशासन एक पशु पर तेरह हजार की राशि भुगतान करती है। लेकिन इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। हो रहे दुर्घटनाग्रस्त शहर के चौक - चौराहों व बाजारों सहित मुख्य सड़कों पर आये दिन अवारा पशुओं के विचरण से लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल हो जा रहे है। नप प्रशासन द्वारा इस अभियान के तहत सिर्फ औपचारिकताएं पूरी कर राशि की बंदरबांट की जा रही है। कहते हैं मोहल्लेवासी शहर के दिनेश धनौठिया, राजकुमार गुप्ता, अरुण गुप्ता, विमल रूंगटा एवम ई आलोक श्रीवास्तव आदि का कहना है कि शहर के चौक - चौराहों सहित मुख्य सड़कों पर आये दिन अवारा पशुओं के स्वछंद विचरण से जहां लोग दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल हो जा रहे है। वहीं इनके झुंड में विचरण करने से सड़कों पर घंटों जाम की स्थिति उत्पन्न होने से कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। नप प्रशासन इस पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रहा है। नप प्रशासन द्वारा सिर्फ औपचारिकताएं पूरी कर राशि की बंदरबांट की जा रही है।