हाड़ कंपाने वाली सर्दी का सितम है। हालांकि, पाला गिरने से गेहूं उत्पादक खुश हैं। पर्याप्त पाला गिरने से गेहूं उत्पादन बढ़ने की उम्मीद जगी है। हालांकि, पिछले दो दिनों से शुरू हुई पछुआ इस पर पानी फेर रही है। अभी कुछ दिन और ऐसा ही मौसम रहने का पूर्वानुमान है। दिन का अधिकतम तापमान अभी पंद्रह डिग्री के नीचे रह रहा है। न्यूनतम तापमान दस डिग्री से नीचे चला जा रहा है। ऐसा मौसम गेहूं के लिए अनुकूल है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलह डिग्री से कम तापमान में गेहूं के पौधे तेजी से बढ़ते हैं। अभी ज्यादातर जगहों पर पटवन चल रहा है। खेत में पानी रहने पर तापमान नियंत्रित रहता है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 8 जनवरी के बाद धूप निकलेगी। तब अधिकतम तापमान थोड़ी बढ़ेगा। 15 जनवरी के बाद अधिकतम तापमान 15-20 डिग्री रहना फायदेमंद होगा। आलू-मसूर को नुकसान वैज्ञानिकों का कहना है कि धूप न निकलने और कोहरे से मसूर की पत्तियां पीली,आलू में झुलसा रोग, सरसों में लाही का प्रकोप बढ़ जाता है। हालांकि, चना पर ज्यादा असर नहीं होगा। कृषि वैज्ञानिक डॉ अरबिंद कुमार सिंह ने बतया कि ऐसा मौसम 18-20 जनवरी तक रहे तो गेहूं की फसल अच्छी होगी लेकिन तेज पछुआ हवा से नुकसान हो सकता है।
