विश्व परिवार दिवस के अवसर पर परिवार को सुपोषित करने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मनाया गया सुपोषित दिवस स्वस्थ समाज के लिए परिवार का सुपोषित होना जरुरी परिवार के सदस्यों को पोषण पर दी गयी जानकारी आहार विविधता एवं संतुलित आहार पर दिया गया ज़ोर खबर है कटिहार से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पूर्व में ही पोषण कैलेंडर जारी कर विश्व परिवार दिवस को सुपोषित दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए निर्देशित किया था. इस दिशा में बुधवार को सभी आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सुपोषित दिवस मनाया गया. इस दौरान 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों के माता-पिता को आंगनवाड़ी केंद्र बुलाकर पोषण के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी. गीत एवं संगीत के माहौल में मनाया गया दिवस : गीत एवं संगीत के माहौल में सुपोषित दिवस मनाया गया. बच्चों ने बाल गीत सुनाकर अपना परिचय दिया. साथ ही बच्चों ने साफ़-सफाई की महत्ता के बारे में जानकारी भी दी. आंगनवाड़ी सेविका द्वारा अन्नप्राशन दिवस एवं गोदभराई के विषय में परिवारों को जागरूक किया गया. साथ ही महीने भर केंद्र में होने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी सेविका द्वारा जानकारी दी गयी एवं लोगों से आग्रह किया गया कि इन तमाम गतिविधियाँ में वह अपनी सहभागिता भी सुनिश्चित करायें. कोठा की सीडीपीओ शीला शबनम गुड़ियाने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों को पोषण के विषय में जानकारी दी गयी है. बच्चों के बेहतर पोषण में माता के साथ पिता को भी जिम्मेदारी उठाने की नसीहत दी गयी. उन्हें सिर्फ एक ही तरह के आहार सेवन करने से बचने की सलाह देते हुए आहार में विविधता लाने की जानकारी दी गयी. विविध आहार के कारण विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट के साथ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती है. बाल पोषण के लिए एक घन्टे के भीतर शुरूआती स्तनपान की जरूरत को बताया गया. साथ ही 6 माह तक सिर्फ़ स्तनपान करने की सलाह दी गयी एवं इस बात पर जोर भी दिया गया कि इस दौरान ऊपर से पानी भी शिशु को नहीं दें. उन्होंने बताया कि अनुपूरक आहार के विषय में भ्रांतियों को भी दूर किया गया एवं परिवार के सदस्यों को बताया गया कि बच्चे के 6 माह होने के बाद उन्हें ऊपरी आहार देना जरुरी है. इससे बच्चे में पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है एवं बच्चा निरोगी भी रहता है. जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस बेबी रानी ने बताया कि सुपोषित दिवस आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य परिवार के पोषण में सुधार लाना है. कभी-कभी माता अपने बच्चों को बेहतर पोषण प्रदान करने की चिंता में अपने पोषण को नजरअंदाज कर जाती है. लेकिन एक स्वस्थ समाज निर्मित करने के लिए परिवार के सभी सदस्यों के पोषण में सुधार लाना जरुरी है. परिवार पोषण पर दिया गया बल: परिवार के सभी सदस्यों की समान पोषण की जरूरत पर बल देते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों में आये परिवार के सदस्यों को पोषण की महत्ता के बारे में बताया गया. बच्चों के पिता को बेटा एवं बेटी के पोषण पर समान रूप से ध्यान देने की बात कही गयी एवं उन्हें समझाया गया कि विशेषकर किशोरियों को किशोरों की तुलना में अधिक पोषण की जरूरत होती है. इसलिए किशोरियों के खान-पान का ध्यान रखते हुए सप्ताह में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दी जाने वाली आयरन की गोली खाने की बात बताई गयी.