बिहार राज्य के गिद्धौर जिला से रंजन ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कहा कि आज कल मनुष्य अपने जीवन में भाग दौड़ की जिंदगी जीने के लिए मजबूर है। सुबह होते ही मनुष्य अपने काम के भाग दौड़ की जिंदगी में लग जाता है। हमारे संवाददाता ने कहा कि सुबह होते ही मनुष्य खेती करना, अखबार बेचना इत्यादि जैसे कामों में लग जाते है। मनुष्य अपने जीवन में भाग दौड़ वाली जिंदगी में बस काम पर ही ध्यान देता है। जैसे मानो मनुष्य एक काम करने वाली मशीन के समान लगने लगी है। जिस तरह मशीन बिना थके अपना काम करता रहता है ठीक उसी प्रकार मनुष्य भी अपनी जिंदगी को भी मशीन के समान कर चूका है। संवाददाता यह भी कहते है कि मनुष्य जब थकना शुरू हो जाता है, तब वह अपने शरीर को आराम देने के लिए जगह को खोजता है। लेकिन मनुष्यों को यह मालूम नहीं है कि इसका असर उनके शरीर पर कितना नुकसान करता जा रहा है। संवाददाता ने कहा कि बड़े आदमी बनने के चक्कर में वह अपने परिवार को और अपने आप को भी भूल जाता है। क्योकि वह पैसे कमाने के पीछे भाग रहा है।