बिहार राज्य के जमुई जिला सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार जीविका मोबाइल वाणी के द्वारा जानकारी देते हुए कहते हैं कि सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा से आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।देश में सरकारी अस्पतालों की कमी नहीं है, कमी है तो इन अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं की।वर्तमान में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जिनमे देखा गया है, सरकारी अस्पतालों में कहीं बेड की तो कहीं दवाईओं की तो कहीं ऑक्सीज़न की ही कमी होती है।सरकारी अस्पतालों में एक छोटे से काम के लिए काफी परेशान किया जाता है।जिससे हमारा समय और मेहनत दोनों ही बेकार चला जाता है।सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के कारण भी कई लोगों की जानें भी चली जाती हैं।इसी वजह से कई लोग इन अस्पतालों में डरते हैं।सरकारी अस्पतालों में जिन दवाईओं की उपलब्धता के लिए ना बोला जाता है,बाजार में पैसे खर्च करने पर वही दवाई आसानी से मिल जाती है।इन सारी असुविधाओं से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है, की सरकार की स्वास्थ्य नीति कितनी कमजोर है।अस्पतालों की नियमित जाँच नहीं होने से इनकी स्थिति इतनी बद्त्तर है।सरकार को जल्द ही कोई सही निर्णय और प्रयास करने की जरुरत है।जिससे आम जनता अपने अधिकारों का लाभ ले सकें।