बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से संजीवन कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि शिक्षा विभाग में अनुकंपा के आधार पर फर्जी बहाली का खेल चला। अप्रशिक्षित अभ्यर्थी की नियुक्ति पर रोक के बावजूद स्कूलों में अनुकंपा के आधार पर बड़े पैमाने पर इनकी नियुक्ति की गई। 31 मार्च 2015 के बाद अप्रशिक्षित अभ्यर्थी को शिक्षक के पद पर बहाल नहीं करना था। बावजूद नियुक्ति की कार्रवाई की गई है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। शिक्षा विभाग ने वैसे शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पत्र से शिक्षा महकमे में हड़कंप मचा है। जिला शिक्षा अधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से इस मामले में स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा गया है। सेवाकाल में शिक्षकों की मृत्यु होने पर अप्रशिक्षित आश्रित को अनुकंपा का लाभ नहीं दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने 31 मार्च से 2015 से अप्रशिक्षित आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दिया है। बावजूद नियुक्ति कार्रवाई होते रही है। शिक्षा विभाग ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को लेकर एनसीटीई से मार्गदर्शन मांगा गया था, लेकिन अनुमति नहीं मिली। निदेशक ने ऐसे शिक्षकों को अविलंब बर्खास्त करने का आदेश दिया है।