बिहार राज्य के जमुई जिला से विजय कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए बताते हैं कि हमारे देश में लंबे समय से नौकरी देने का श्रेय भारतीय रेलवे को दिया जाता है।लेकिन कुछ कारणों से पिछले कई सालो से रेलवे में निचले स्तर पर नियुक्तियाँ नहीं हुई थी।जिसका असर साफ़ तौर पर रेलवे के परिचालन और यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं पर देखने को मिल रहा है।इन सारे हालात को देखते हुए रेलवे ने बड़ी संख्या में नौकरियों के लिए आवेदन आमंत्रित किये।लेकिन हमारे देश में रोजगार की कमी को साफ़ देखा जा सकता है कि रेलवे द्वारा निकाली गयी 90 हजार पदों की भर्तियों के लिए अब तक कुल 2 करोड़ 80 लाख आवेदन भरे जा चुकें हैं।इसका मतलब साफ़ है की हर पद के लिए औसतन 311 व्यक्ति दावेदार है।जाहिर है कि इनमे से 310 व्यक्तियों को होड़ से बाहर जाना होगा।असल समस्या तो तब ही शुरू होती है कि ये 310 लोग जायेंगे कहाँ ? एक विकल्प तो यह है की वो दूसरे प्रतियोगिता की होड़ में शामिल हो जायेंगे।लेकिन यह विकल्प हर बेरोजगार युवक के लिए उपलब्ध नहीं होता।हमारा देश दुनिया की सबसे तेज रफ़्तार अर्थव्यवस्था में शामिल होने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में रोजगार के अवसर सृजन नहीं कर पा रहा है।