जिस तरह से आज देश का विकास हो रहा है ,उसी रफ़्तार से देश एवं राज्य में सड़कों का निर्माण भी किया जा रहा है ,लेकिन बहुत दुःख की बात है कि वर्तमान में करोड़ों रूपए के लागत से बनायीं गई सड़कों की आयु बहुत ही कम होती है।इस बात का अंदाजा बिहार राज्य में सड़कों की बदहाल स्थिति से लगाया जा सकता है. आखिर क्या वजह है कि करोड़ों रूपए खर्च कर बनाये गए इन सड़कों की आयु इतनी कम होती है और ये 6 महीने के अंदर ही टूटने लग जाती है ?क्या इन नए सड़कों को बनाते समय उचित मात्रा में और सही सामग्री मिलाई जाती है ?क्या नव निर्मित सड़कों का निर्माण कार्य के दौरान विशेषज्ञों द्वारा सड़कों की जाँच की जाती है ?क्या सड़के बनाते समय बारिश में सड़को पर जल जमाव का ख्याल रखा जाता है ?क्या प्रशासन द्वारा यातायात नियमों का पालन करते हुए भारी वाहनों को छोटी और कमजोर सड़कों से दूर रखा जाता है ?इस तरह नव निर्मित सड़कों की कम आयु को लेकर क्या विभाग इस पर कोई कार्यवाई करती है ?सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की मंजूरी के लिए सरकार या सम्बंधित विभाग द्वारा क्या किसी विशेषज्ञ दल का गठन होना चाहिए साथ ही सड़को की आयु बढ़ने के लिए सरकार को किन किन बातों पर विशेष ध्यान रखने की जरुरत है ?