दिलीप पांडेय जी जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मनरेगा मजदूरों के निजी जमीन पर तालाब खोदवाए जायेंगे और इसके चारों और फलदार पौधे लगाए जायेंगे। मजदुर इन तालाबों में मत्स पालन करेंगे और पौधों की देख -रेख भी करेंगे। इस महत्वकांझी योजना का आगाज़ 1 मई से शुरू किया जायेगा। दिलचस्प बात यह है कि जब कार्डधारी परिवार को पौधे की देख -रेख के बदले पांच वर्ष तक 1400 सौ रूपए महीना मानदेय मिलेगा। योजना का लाभ उन हज़ारो मजदुर का होगा जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है और सरकार जिन्हे रोजगार उपलभ्ध नहीं करा पा रही है,अब उन्हें भटकने की जरुरत नहीं होगी ,जब कार्डधारी परिवार तालाब खोदवाने के लिए मनरेगा कार्यालय में आवेदन देंगे। यहाँ से स्वीकृति मिलने के बाद तालाब खोदवाए जायेंगे। इस योजना से बिहार में मत्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और मछलियों के लिए दूसरे राज्यों में निर्भरता कम होगी। तालाब खोदवाने में मानव वर्ग का प्रयोग ,नई योजना से सिर्फ कार्डधारी परिवार को ही नहीं बल्कि आस पास के बेरोजगार को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे क्योंकि तालाब खोदवाने के लिए मानव बल का ही सहारा लिया जायेगा। मनरेगा के तहत मजदूरों की आर्थिक स्तिथि व सेहत सुधारने की अन्य योजना पर इस वित्तीय वर्ष में काम आएगा