टी.एन.ब्रह्मर्षि,जिला मधुबनी से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मलेरिया जानलेवा बीमारी है,जो मच्छर के काटने से होता है.एनोफ़िल नामक मादा मच्छर के काटने से मलेरिया नामक बुखार होता है।ये गन्दगी जगहों जैसे नाले और गन्दगी स्थानों पर मच्छरों के ठिकानो से मच्छरों का बसेरा बनकर मानव को अपना शिकार बनाता है।मोबाइल वाणी के माध्यम से चलाया गया कार्यकरम अत्यंत सराहनीय है जो लोगो को सचेत रहने और बचाव पर ध्यान आकृष्ठ कर रहा है।पूर्व में कोसी नदी के निकट रहने वालो को अधिक मलेरिया होने से जान चली जाती थी.उसके बाद मलेरिया के रोकथाम के लिए डीडीटी का छिड़काव भारत सरकार द्वारा किया गया जिससे बहुत हद तक मलेरिया पर नियंत्रण पाया जा सका लेकिन आज भी बिना मच्छरदानी के बैठा या सोया नहीं जा सकता है।मच्छरों को भगाने के लिए अब कई तरह के बत्तीयो तथा कैमिकल का उपयोग करना प्रारम्भ हो गया है, परंतु इसका प्रभाव मच्छरों पर नहीं बल्कि इसके विपरीत मानव पर देखा जाता है।मानव भी इस कैमिकल के शिकार बन रहे है।मानव की इस कैमिकल का शिकार बनना और फिर मच्छरों का नहीं भागना बीमारी उत्पन्न कराता है।इसलिए सरकार को इसके विकल्प के रूप में डीडीटी का छिड़काव आवश्यक रूप से करवानी चाहिए और मच्छरों के ठिकानो को समाप्त कर देना चाहिए ताकि लोगो का जीवन मलेरिया से बच सके।