गोर लाल मंडल जी हवेली खड़गपुर जिला मुंगेर से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मनुष्य के लिए आंशिक दृष्टिहीनता सबसे बड़ी समस्या है।डॉक्टर द्वारा दवा देने पर भी दवा का असर नहीं होता है पढ़ने लिखने में परेशानी होती है ,छोटे अक्षर को पढ़ने में ज्यादा परेशानी होती है।डॉक्टर आंख का जाँच करने बाद दवा और चश्मा दोनों लिखते है लेकिन चश्मा में पावर और बैलेंस समयनुसार बदलते रहना पड़ता है। दवा के प्रयोग से अनुकूल दबाव देने पर नजदीक की देखने की परेशानी ख़त्म होनी चाहिए पर ऐसा बहुत काम ही देखने को मिलता है।इसके लिए अच्छे डॉक्टर की व्यवस्था बहुत जगह नहीं है। बड़े -बड़े जगहों में निचले वर्ग के लोग डॉक्टरों से मिल नहीं पाते है और उनका फिर भी बहुत ज्यादा होता है और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर तो है पर इलाज सही नहीं हो पाता है। जिसकारण जितने भी आंशिक दृष्टिहीनता वाले रोगी है उनको बहुत परेशानी होती है। इसके लिए कई संस्था होती है जो खुद के खर्च पर लोगों को सुविधा मुहैया कराते है लेकिन सभी जगह ये संस्था नहीं है