बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से 30 वर्षीय दीपक कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते हैं कि जब अभिभावक अपने बच्चे को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं तो माँ तनाव में क्यों आ जाती है ?
बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड से 30 वर्षीय दीपक कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से यह जानकारी चाहते हैं कि जब अभिभावक अपने बच्चे को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं तो माँ तनाव में क्यों आ जाती है ?
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जब माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं, तो यह अक्सर भावनात्मक तनाव या चिंता का कारण बनता है। यह प्रभाव माताओं पर अधिक होता है क्योंकि वे अपने बच्चों से भावनात्मक और जैविक रूप से गहराई से जुड़ी होती हैं। माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा, सुविधा और नए माहौल में उनके सामंजस्य को लेकर चिंता होती है। उन्हें यह डर भी होता है कि बच्चा ठीक से खाएगा या नहीं, दोस्त बना पाएगा या नहीं, और उनके बिना कैसे संभालेगा। शुरू में बच्चे भी ऐसे माहौल में जाने से डरते हैं और अक्सर रोते हैं, जिससे माता-पिता, खासकर माताएँ, और अधिक परेशान हो जाती हैं। ऐसी भावनाएँ स्वाभाविक हैं और प्यार व देखभाल से उत्पन्न होती हैं। समय के साथ, जब माताएँ देखती हैं कि उनका बच्चा स्कूल में सहज हो रहा है और वहाँ आनंद ले रहा है, तो यह तनाव धीरे-धीरे कम हो जाता है। परिवार से भावनात्मक समर्थन और शिक्षकों से नियमित संवाद माताओं को आश्वस्त और शांत महसूस करने में मदद करता है।
Nov. 7, 2025, 2:35 p.m. | Tags: information health mentalhealth