बिहार राज्य के जिला जमुई से मुख्तेश्वर पांडेय , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि हिट एंड रन के मामले में वाहन चालकों पर लगाए गए कानूनी प्रावधानों से उपजे संकट पर बाते चल रही है जो कहीं न कहीं सही भी लगता है। इस मामले में सरकार कह रही है की यदि वाहन चालाक किसी व्यक्ति को ठोकर मारकर भागता है तो उसे सात लाख और दस साल की सजा सुनाई जाएगी। वाहन चालकों को कहा जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाया जाये। और इसी बात को लेकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने हड़ताल कर दी। इसका परिणाम यह हुई की जरूरी सेवायें ठप हो गई। खाने पिने की चीज़े से लेकर पेट्रोल आदि कि सप्लाई बंद हो गई और इसका असर आम लोगों पर पड़ रहा है। एसा इसीलिए हुआ की इस सम्बन्ध में कानून बनाने से पहले लोगों की राय नहीं लिया गया। सरकारों को भी सोच समझ कर कानून बनाना चाहिए।