सरकार महिलाओं को राजनीतिक में आरक्षण देने का प्रावधान ला रही है ताकि महिलाओं की भागीदारी राजनीतिक में हो सके लेकिन जी भागीदारी की कल्पना की जा रही है वह भागीदारी कितना कारगर होगा यह आने वाला समय ही बताएगा क्योंकि राज्य सरकार द्वारा जो आरक्षण महिलाओं को राजनीतिक में दिया गया है उसका फायदा तो समझ में देखने को मिल रहा है जिसे मुखिया सरपंच पंच जिला परिषद आदि का पद दिया गया है वह स्वतंत्र होकर महिलाएं काम नहीं कर पाती है क्योंकि उसके पीछे उनके परिवार के पुरुष उसे कुर्सी पर बैठकर निर्णय लेते हैं इससे अनुमान लगाया जा सकता है की आरक्षण का कितना लाभ महिलाओं को मिलेगा