बिहार राज्य के जिला जमुई प्रखंड सिकंदरा से चंद्रशेखर आजाद सिकंदरा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पौष्टिक आहार माताओं व बच्चों को शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। जिला कुपोषण के सबसे ज्यादा शिकार हैं। जन्म से छह माह तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए।जब बच्चा सात महीने का हो जाए तो उसे हर रोज ऊपरी आहार अवश्य देना चाहिए।जैसे चावल-दाल सब्जी मिस कर खिलाना चाहिए।बच्चों को खाना माप के अनुसार खिलाना चाहिए।6-8 माह के बच्चे को एक पाव की कटोरी से आधी कटोरी दिन में दो बार खाना खिलाना चाहिए।9-11 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में तीन बार आधी कटोरी के माप से खाना देना चाहिए।12-24 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में 3 बार खाना खिलाना चाहिए।बच्चा अगर खाना ना खाये तो उसे प्यार से बार-बार खाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।माँ के दूध से सिर्फ 6 महीने तक ही बच्चों को पूरा पोषण मिल पाता है।उसके बाद माँ के दूध के साथ-साथ बच्चे के लिए पूरक आहार बेहद जरुरी होता है।बच्चों को सात समूह में से चार समूह का खाना हर रोज जरूर खिलाना चाहिए।इसलिए पोषण माह के तहत लोगों को इसके लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि पोषण माह का खास उद्देश्य प्रसव के समय जच्चा-बच्चा की सुरक्षा अति आवश्यक है। जिससे जन्म लेने वाले बच्चे को कुपोषण से रक्षा किया जा सके। वहीं महिलाओं व किशोरियों में खून की कमी आम रुप से देखी जा रही है। पौष्टिक आहार से इसे दूर किया जा सकेगा।