बिहार राज्य के जमुई जिला सिकंदरा प्रखंड से विजय कुमार मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं कि हमें इस बात की ओर गहराई से सोचने की जरुरत है की आज हमारे देश में बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए सरकार की योजनाओं और अभियानों की जरुरत ही क्यों पड़ी।हमारे समाज की संक्रीण सोच और वैज्ञानिक यंत्रो की उपलब्धता ने हमारे समाज में बेटियों की संख्या को कम करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।आज भी इतने कानुन निर्माण के बाद भी हमारे देश में आसानी से लिंग परीक्षण का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। इन सबके बाद भी अगर हमारे समाज में बेटी का जन्म हो भी जाए तो अपने घर वाले ही उस पर प्रत्य्क्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पाबंदियाँ लगा देते हैं। द्दूसरी तरफ उन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है,जिन्होंने बेटियों को जन्म दिया है।जबकि वैज्ञानिक तथ्य यह है की पुरुष ही इसके लिए जिम्मेवार होते हैं