नमस्कार आदाब दोस्तों, फरीदाबाद मजदूर समाचार में आपका स्वागत है... दोस्तों, कई बार देखने को मिला है कि मजदूर भाई मुद्दे पर एकजुट हो कर पूरे जोश के साथ आंदोलन शुरू करते हैं मगर समय के साथ-साथ उनका धैर्य ख़त्म होने लगता है. हाल ही में आई.एम.टी. मानेसर स्थित फैक्ट्री में ऐसी ही घटना घटी. जहां 300 मजदूरों ने जनवरी में विरोध प्रदर्शन शुरू किया पर प्रबंधन की चुप्पी ने आंदोलन के जोश को धीमा कर दिया. जुलाई आते-आते मात्र 30 मजदूर भाई आंदोलन का हिस्सा रह गये थे. ज्यादातर मजदूरों ने आंदोलन से खुद को अलग कर लिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने मजदूर यूनियन के साथ मिलकर समझौता किया और कंपनी का काम सुचारू रूप से चालू करवाया । साथियों, अपने हक़ की लड़ाई में किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए और जब तक जीत न मिले समझौता नही करनी चाहिए।अब आप हमें बताइए...क्या आप के कंपनी में मजदूर भाइयों ने कभी कंपनी या यूनियन के दबाव में अपने मुद्दे से समझौता किया है ? क्या आप ने अपने हक़ के लिए आवाज बुलंद किया है? वो कौन -कौन सी वजहें हैं जो आंदोलन को कमजोर कर देती है?अपनी बात हम तक पहुँचाने के लिए फ़ोन में दबाए नंबर 3.