नमस्कार/आदाब दोस्तों, फरीदाबाद मजदूर समाचार की इस नई कड़ी में आपका स्वागत है. साथियों, मजदूर भाइयों ने एकता और सद्भावना का दामन थामे कई बार जहाँ अपनी बातों को मनवाया है वहीं कंपनी को एहसास करवाया है कि उनका होना कंपनी के लिए कितना जरूरी है। जब-जब समय की मांग हुई तब-तब मजदुर भाइयों ने साहस और हिम्मत के साथ अपनी आवाज़ बुलंद की है। चाहे बात हो बिना पैसों के ओवर टाइम करने की ,कर्मचारियों के साथ होने वाले भेद-भाव की या डराने-धमकाने की।इन सभी मसले का हमेशा मजदूरों ने डट कर सामना किया और गलत [ बुराई ] को झुकने पर मजबूर किया। बीते दिनों मारुति सुजुकी मानेसर कंपनी में ऐसा ही कुछ देखने को मिला था जब मजदुर भाइयों ने मजबूत इरादे और लम्बी लड़ाई के बाद कंपनी को मजबूर किया था - ओवरटाइम सख्ती से बंद करने के लिए और काम का माहौल खुशनुमा बनाने के लिए। ये सब करना इतना आसान नही था।इसके लिए एकता को तोड़ने की कोशिश की गई,पुलिस और कानून का डर दिखाया गया और लालच दे कर बहकाने की कोशिश की गई। लेकिन अपने उसूलों पर हिम्मत से डटे मजदुर भाइयों ने आंख में आंख डाल कर अपनी बात रखी और जीत हासिल किया।कम्पनी को देर से ही सही मगर कर्मचारियों की अहमियत समझ आ ही गई। यहां यह कहना गलत नही होगा कि "हम से है कंपनी कंपनी से हम नही "!! साथियों, क्या आप की कंपनी में कभी मजदूरों ने मिल कर कोई आंदोलन किया है ? क्या आप को कंपनी में अपनी एहमियत का एहसास है?नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाने पर किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ?अपनी बात हम तक पहुँचाने के लिए फ़ोन में दबाए नंबर 3.